Pages

Thursday, January 26, 2012

भारत देश हमारा प्यारा



भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......


(फोटो साभार गूगल/ नेट से )
------------------------------------
तरह तरह की भाषाएँ हैं
भिन्न भिन्न है बोली
रहन सहन पहनावे कितने
फिर भी सब हमजोली
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन ......
----------------------------------
मन मिलते हैं गले मिलें हम
हर त्यौहार मनाएं
धूमधाम से हँसते गाते
हाथ मिलाये सीढ़ी चढ़ते जाएँ ..
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

------------------------------------------
बड़े बड़े त्यागी मुनि ऋषि सब
इस पावन धरती पर आये
वेद ज्ञान विज्ञानं गणित सब
दुनिया योग  सिखाये ...
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

-------------------------------------
आलस त्यागे बच्चे बूढ़े कर्म जुटे  हैं
हरियाली खुशहाली  देखो
घर घर में है ज्योति जगाये
लिए तिरंगा नापे धरती सागर चीरे
पर्वत चढ़ के आसमान हम छाये
चमक दामिनी सी गरजें जब
दुश्मन सब थर्राएँ
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

-----------------------------------------
कितने जालिम तोड़े हमको
लूटे - ले घर भागे
सोने की चिड़िया हम अब भी
देखो सब से आगे
जहां रहेंगे खिल जायेंगे
फूल से महके जाते
वे जलते कोयले सा बनते
हीरा हम सब चमके जाते
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .......

-------------------------------
वीर जवानों वीर शहीदों
शत शत नमन तुम्हे ,
तेरे ऋण से उऋण  कहाँ हे !
नक़्शे कदम पे तेरे जाके
है प्रयास हम प्रजा सभी का
झंडा ले हम विश्व पटल पे
भरे  ऊर्जा जोश दोगुना
ऊंचाई   चढ़ सूर्य से चमकें
पल पल हम गतिशील रहें !
भारत देश हमारा प्यारा
बड़ा अनोखा अद्भुत न्यारा
शत शत इसे नमन .....

-----------------------------
सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर ५
करतारपुर पंजाब
२६ जनवरी २०१२
८-८.१५ पूर्वाह्न
---------------------------


please be united and contribute for society ....Bhramar5

Friday, January 6, 2012

वचपन का प्रेम


वचपन का प्रेम 
------------------
और उस दिन जब तुम 
अपने "उनके" साथ 
अपनी माँ से मिलने आई थी 
दरवाजे की देहरी पर 
दीवार से चिपकी -चुपचाप
मेरी ओर ताक रही थी 
मै किताबों में खोया -व्यस्त -मस्त 
अचानक उस तुम्हारे दरवाजे पर 
नजर का जाना -और फिर 
बिजली कौंध जाना 
जोरदार रौशनी 
ढेर सारी यादें 
तेरा लजाना -लाल चेहरा ले 
घर में भाग जाना 
बचपन की यादें 
बार-बार बिजली सी 
मेरे घर के आस पास 
तेरा चमकना 
छुपा छिपी -आइस पाइस
सरसों के पीले फूल -हरी मटर
आम -महुआ कोयल सी कूक 
मेरा ध्यान बंटाना 
भुंजईन के घर से  
भाद में भूंजा 
आंचल से गर्म दाने 
मेरी हथेली पे दे 
मुझको जलाना 
तेरा चिढाना 
तेरा मुस्कुराना 
पीपल की छाँव 
कितना प्यारा तब ये 
लगता था गाँव 
दूर -दूर तेरा मंडराना 
पास आना 
नजदीकियां बढ़ता था 
खलिहान में साथ कभी 
बैल बन घूमना 
तेरा घुँघरू वाला एक पायल 
खो जाना -माँ की डांट खाना 
मेरे दिल को तडपाया था 
हाथ खाली थे मेरे 
मन मसोस कर रह जाना 
चुपके से नम आँखें ले 
मेरा -सब कुछ सह जाना 
आज मेरे पास सब कुछ है 
पर वो उधार -तेरा प्यार 
दोस्ती -कर्ज चुकाना 
अच्छा नहीं लगता है 
परदेश से आते 
अम्बिया के बाग़ में -उस दिन 
तेरी डोली मिली -
सजी सजाई गुडिया 
नैनों में छलके मोतियों से आंसू
परदे से झाँक 
जैसे था तुझे मेरा इन्तजार 
इतना बड़ा दिल ले 
तुमने अपने कांपते अधरों पे 
ऊँगली रख इशारा किया था 
“डोलीओझल हो गयी थी 
और मै तेराप्रेम” भरा आदेश 
दिल में बसाए 
मौन हूँ -चुप ही तो हूँ 
आज तक ----
लेकिन दीवार से चिपकी 
आज तेरा झांकना 
प्रेम मिटता नहीं 
अमर है प्रेम 
वचपन का प्रेम 
इस दिल में 
और मजबूत हो धंस गया 
फिर एक अमिट छाप छोड़ 
जाने क्या -क्या कह गया 
दो परिवारों का वो प्रेम 
बचा गया -उसे जीवन दे गया 
और तुझे देवी बना 
पूजने को 
मेरे दिल में 
पलकों में 
मूरति  सी सदा सदा के लिए 
मौन रख 
मेरे मुंह पर 
ताला लगा गया !!
-------------------------
भ्रमर  
.४०-.०६ पूर्वाह्न 
यच पी २८.११.२०११ 



please be united and contribute for society ....Bhramar5