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Thursday, April 26, 2012

हैप्पी बर्थ डे टू “सत्यम “


हैप्पी बर्थ डे टू सत्यम 
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मेरे प्यारे नन्हे मुन्नों 
मित्र हमारे दिल हो 
मात - पिता के बहुत दुलारे 
जग के तुम दीपक हो !
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आओ अपने नन्हे कर से 
सुन्दर प्यारा जहाँ बनायें 
सूरज चंदा तारों से हम 
झिलमिल -झिलमिल इसे सजाएं !
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प्रेम की बहती अमृत धारा 
कमल गुलाब खिले चेहरे हों 


मंद मंद मुस्कान विखेरे 
हम नूर नैन के दिलों बसे हों !
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फूल खिले हों चिड़ियाँ गायें 

नाच मोर हर दिन सावन हो 

ख़ुशी रहे "तुलसी" घर आंगन 
ज्ञान का दीपक ज्योति जगी हो 
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होली दीवाली से हर दिन 
झूमें हम - मन - मिला रहे 
गुडिया गुड्डे और घरौंदे 

अपनी दुनिया सजी रहे !
  
देश के वीर सपूत बनें हम 
भारत - माँ - के लाल बनें 
शावक से जब सिंह बनें हम 
गरजें अरि के काल बनें !

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सभी बड़े- छोटे- सब मिल के 
ह्रदय लगा  - दे - दें आशीष 
सदा सहेजे --  मै रखूँगा 
नमन करूँ - तुम गुरु हो- ईश !
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कल है मेरा जन्म-दिवस- 'प्रिय'
केक काटने आ जाना 

स्नेह लुटा बबलू पप्पू बन 
लड्डू -टाफी - खा जाना 

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गुब्बारे- संग -फूल खिलेंगे
खुश्बू  होगी- कविता होगी 
भ्रमर रहेंगे मधुर गीत में 
काव्य गोष्ठी अद्भुत होगी 
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आपका स्नेहाकांक्षी 'सत्यम"
द्वारा भ्रमर-५- २६.४.२०१२ 
प्रतापगढ़ उ.प्र. 





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Tuesday, April 10, 2012

घूँघट कब ये खोले ?


होंठ रसीले लरज रहे हैं 
शायद रस-मधु घोले

चाँद सा मुखड़ा सूर्यमयी   है 
घूँघट कब ये खोले ?
नैन जादुई झील  से गहरे 
जीव जगत सब तरते 
ढाई आखर प्रेम ग्रन्थ में 
गहराई सब डूबे 
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Bhramar5
.१२-.२२ पूर्वाह्न 
..२०१२ कुल्लू यच पी 



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