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Saturday, February 19, 2011

काँटा अपने घर मत पालो.

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काँटा अपने घर मत पालो.
इतना ही जो शौक तुम्हे- तो
जाओ उसकी "बाड़"- लगा दो 
उस सीमा के पास.  
सुरेंद्रशुक्लाभ्रमर
१९.२.११

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