उनकी ये जुल्फ- घनेरे बादल हैं
बज्र सी चीर – कभी
दिल को —–चली जाती है
दिल को —–चली जाती है
उनकी ये चाल हिरनी सी
बड़ी पापिन है
पीछे खींचे ये -खरगोश के जैसी
शेर के मुंह में -
बड़े प्यार से ——-ले जाती है
बड़ी पापिन है
पीछे खींचे ये -खरगोश के जैसी
शेर के मुंह में -
बड़े प्यार से ——-ले जाती है
(फोटो साभार वर्ल्ड्स लांगेस्ट हेयर और /गूगल/नेट से लिया गया )
शुक्ल भ्रमर ५
जल पी बी २८.७.११ – ८.20 -पूर्वाह्न
जल पी बी २८.७.११ – ८.20 -पूर्वाह्न
दुर्लभ चित्र दिखाया है आपने।
ReplyDeleteरचना भी अच्छी लगी।
तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार....!
ReplyDeleteसंजय जी रचना आप को पसंद आई-खूबसूरत लगी न बेवफा की ... सुन हर्ष हुआ -प्रोत्साहन के लिए आभार और धन्यवाद -
ReplyDeleteभ्रमर ५
आदरणीय मनोज जी रचना आप को पसंद आई-खूबसूरत लगी न बेवफा की .चित्र दुर्लभ परन्तु सराहनीय भी है .. -प्रोत्साहन के लिए आभार और धन्यवाद -
ReplyDeleteभ्रमर ५
पुरुषोत्तम तिवारी जी हार्दिक स्वागत है आप का भ्रमर की माधुरी में -आइये हमारे अन्य ब्लॉग भी पढ़ें अपना समर्थन दें -
ReplyDeleteशुक्ल भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण