Saturday, April 30, 2022

नारी का श्रृंगार तो पति है

BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: नारी का श्रृंगार तो पति है: नारी का श्रृंगार तो पति है पति पर जान लुटाए एक एक गुण देख सोचकर कली फूल सी खिलती जाए प्रेम ही बोती प्रेम उगाती नारी प्यारी रचती जाए ***** प्...
नारी का श्रृंगार तो पति है
पति पर जान लुटाए
एक एक गुण देख सोचकर
कली फूल सी खिलती जाए
प्रेम ही बोती प्रेम उगाती
नारी प्यारी रचती जाए
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प्रेम के वशीभूत है नारी
पति परमेश्वर पर वारी
व्रत संकल्प अडिग कष्टों से
सौ सौ जन्म ले शिव को पाए
कर सेवा पूजा श्रद्धा से
फूली नहीं समाए
प्रेम ही बोती प्रेम उगाती
नारी प्यारी रचती जाए
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चाहत से मुस्काए गजरा
बल पौरुष से केश सजे
नेह प्रेम पर माथ की बिंदिया
झूम झूम नव गीत रचे
नैनों से पति के बतिया के
हहर हहर लव चूमे जाए
प्रेम ही बोती प्रेम उगाती
नारी प्यारी रचती जाए
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जहां समर्पण प्यार साथ है
नारी अद्भुत बलशाली
नही कठिन कुछ काज है जग में
सीता सावित्री या अपनी गौरी काली
मंगल सूत्र गले में धारे
मंगल लक्ष्मी करती जाये
प्रेम ही बोती प्रेम उगाती
नारी प्यारी रचती जाए
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निज बल अभिमान चूरकर
चरण वंदना में रत रहती
हो अथाह सागर भी घर में
त्याग _ प्रेम दिल लक्ष्मी रहती
विष्णु पालते जग को सारे
लक्ष्मी ममता ही बरसाए
प्रेम ही बोती प्रेम उगाती
नारी प्यारी रचती जाए
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पति के प्रेम की रची मेंहदी
देख भाग्य मुस्काती मन में
वहीं अंगूठी संकल्पों की
रहे चेताती सात वचन की
दंभ द्वेष पाखण्ड व छल से
दूर खड़ी, अमृत बरसाए
प्रेम ही बोती प्रेम उगाती
नारी प्यारी रचती जाए
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गौरी लक्ष्मी सीता पाए
सरस्वती का साथ निभाए
पुरुष भी क्यों ना देव कहाए??
क्यों ना वो जग पूजा जाए?
प्रकृति शक्ति की पूजा करके
निज गौरव नारी को माने
प्रेम ही बोती प्रेम उगाती
नारी प्यारी रचती जाए
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत। 29.04.2022
3.33_4.33 पूर्वाह्न

Sunday, April 10, 2022

कन्या पूजन चैत्र नवरात्रि

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Friday, March 25, 2022

विरहिन



बगिया में कोयल कूके
मन ना भाए
मोरे साजन न आए

लाल लाल फूल खिले
जिया को जलाए
बदरंग होली अगुन लगाए

सूख गई बाली बाली
तपन बढ़ी उर
सजना से ही हरियाली

जेठ दुपहरी सूना आंगन
जेठ न भाए
साजन बस नैना तरसाए

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5


please be united and contribute for society ....Bhramar5