उस - एक तराजू के पलड़े में
माझी -इक पतवार दिखा था !!
सोना -चांदी कुछ प्यार भरा था
नफरत थी कुछ घृणा भरी थी
जीवन संग अंगार भरा था !!
तेरी नजरों का प्यार भरा था
जो अथाह था -मन से मिलते
सपने -सच-श्रृंगार भरा था !!
(सभी फोटो गूगल / नेट से साभार )
जज्बा-प्यारा हुनर भरा था
माझी -इक पतवार दिखा था !!
शुक्ल भ्रमर ५
२७.०६.२०११ जल पी बी
4 comments:
खूबसूरत अभिव्यक्ति ..
आदरणीया संगीता जी धन्यवाद रचना के भाव मन को छू पाए हर्ष हुआ
शुक्ल भ्रमर ५
आपकी इस रचना में जीवन के लिए एक नया दृष्टिकोण भरा है ....आपका आभार इस सार्थक प्रस्तुति के लिए ..!
आदरणीय केवल राम जी हार्दिक अभिवादन आप का -इस रचना में प्रेमिका द्वारा प्रेम को, धन और भौतिक वस्तुओं/सुखों से अधिक वरीयता दी गयी है -रचना में जीवन के लिए सार्थक सन्देश दिखा आप को सार्थक रहा लिखना -बहुत बहुत धन्यवाद
आभार आप का
शुक्ल भ्रमर ५
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