आने की सुन अपने भाई,
माँ कितना खुश होती,
जब उल्टा हम पैदा होते,
माँ कितना है रोती .
बेटा जब अख़बार में आया,
ख़ुशी बाप ने गले लगाया,
आगे पढता करतूतें जब ,
कैद जेल तो कितना रोया 1
माँ कितना खुश होती,
जब उल्टा हम पैदा होते,
माँ कितना है रोती .
बेटा जब अख़बार में आया,
ख़ुशी बाप ने गले लगाया,
आगे पढता करतूतें जब ,
कैद जेल तो कितना रोया 1
No comments:
Post a Comment