Saturday, May 9, 2015

हंसमुख नैन तिहारे प्रियतम



हंसमुख नैन तिहारे प्रियतम  
क्या क्या रंग दिखाते हैं
नाच मयूरी सावन रिमझिम
घायल दिल कर जाते हैं
--------------------------
हर इक आहट नजर थी रहती
प्यासे नैन थे पर फैलाये
पलक पांवड़े स्वागत खातिर
कब निकले तू नैन समाये
----------------------------
कभी ओढ़नी होंठ दबाये पग ठुमकाये
कटि तक तू बल खाए
तिरछे नैन से बाण चलाये
अरी कभी तो बिना मुड़े चली जाए
------------------------------------
कभी देखने चाँद चांदनी
दिवस निशा छत पर तू आ जाये
कभी कैद बुलबुल सी पिजड़े
हिलता -पर्दा प्रिय री बहुत सताए
-------------------------------------
कभी फूल पौधे कपड़ों  में
छवि तेरी बस जाये
रहूँ ताकता पहर-पहर भर
हो अवाक् मै, होठों गीत विरह धुन छाये
-------------------------------------------
भीड़  से छिपता नीरव निर्जन
काश कभी प्यारी मूरति वो आ ही जाए
गहरी सांस मै सपने उड़ता
तुझसे मन खूब बातें करता -
धरती पर गिर जाए
------------------------------
चंचल शोख हसीना हे री !
तू गुलाब तू कमल कली रे
जनम -जनम का नाता तुझसे
'भ्रमर ' के तो  तू प्राण बसी रे
--------------------------------

आओ करें सुवासित जग को
'खुशबू' सुरभित ये जग फैलाएं
प्रेम-प्यार उपजे हर बगिया
सुख हो-खुशियाँ -
दिल अपने दिल में बस जाएँ
-------------------------------

कभी कसे गोदी बच्चों को
कन्धे माँ छुप कभी निहारे
बड़े रूप देखूं नित प्रियतम
तीर -मार घायल कर जाए
-----------------------------
बेकरार कर सखी री ना सताइये
पढ़ ले दिल की ये किताब लौट आइये
मदहोशी पगली बहकी यूं ना जाइए
दिल के आशियाने सुकूँ लौट आइये
-----------------------------------

नैन झुकाये पास तो आती
चितए जब- हो जाती दूर
मै भी -तू - मुस्काती फिरती
पल-पल इतना चंदा मामा फिर भी दूर
------------------------------------------
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
कुल्लू हिमाचल
७ .०० पूर्वाह्न
७.५.२०१५



please be united and contribute for society ....Bhramar5