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Sunday, August 24, 2014

हे री ! चंचल


  • हे री ! चंचल

    • हे री ! चंचल
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    (photo with thanks from google/net)
    जुल्फ है कारे मोती झरते
    रतनारे मृगनयनी नैन
    हंस नैन हैं गोरिया मेरे
    'मोती ' पी पाते हैं चैन
    आँखें बंद किये झरने मैं
    पपीहा को बस 'स्वाति' चैन
    लोल कपोल गाल ग्रीवा से
    कँवल फिसलता नाभि मेह
    पूरनमासी चाँद चांदनी
    जुगनू मै ताकूँ दिन रैन
    धूप सुनहरी इन्द्रधनुष तू
    धरती नभ चहुँ दिशि में फ़ैल
    मोह रही मायावी बन रति
    कामदेव जिह्वा ना बैन
    डोल रही मन 'मोरनी' बन के
    'दीप' शिखा हिय काहे रैन
    टिप-टप  जल बूंदों की धारा
    मस्तक हिम अम्बर जिमि हेम
    क्रीडा रत बदली ज्यों नागिन
    दामिनि हिय छलनी चित नैन
    कम्पित अधर शहद मृदु बैन -
    चरावत सचराचर दिन रैन
    सात सुरों संग नृत्य भैरवी
    तड़पावत क्यों भावत नैन ?
    हे री ! चंचल शोख विषामृत
    डूब रहा , ना पढ़ आवत तोरे नैन !
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    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर'५
    11-11.48 P.M.
    26.08.2013
    कुल्लू हिमाचल 
    दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

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Saturday, May 17, 2014

कौन हो तुम प्रेयसी ?

कौन हो तुम प्रेयसी ?

कौन  हो  तुम  प्रेयसी ?
कल्पना, ख़ुशी या गम
सोचता हूँ मुस्काता हूँ,
हँसता हूँ, गाता हूँ ,
गुनगुनाता हूँ
मन के 'पर' लग जाते हैं
घुंघराली  जुल्फें
चाँद सा चेहरा
कंटीले कजरारे नैन
झील सी आँखों के प्रहरी-
देवदार, सुगन्धित काया  
मेनका-कामिनी,
गज गामिनी
मयूरी सावन की घटा
सुनहरी छटा
इंद्रधनुष , कंचन काया
चित चोर ?
अप्सरा , बदली, बिजली
गर्जना, वर्जना
या कुछ और ?
निशा का गहन अन्धकार
या स्वर्णिम भोर ?
कमल के पत्तों पर ओस
आंसू, ख्वाबों की परी सी ..
छूने जाऊं तो
सब बिखर  जाता है
मृग तृष्णा सा !
वेदना विरह भीगी पलकें
चातक की चन्दा
ज्वार- भाटा
स्वाति नक्षत्र
मुंह खोले सीपी सा
मोती की आस
तन्हाई पास
उलझ जाता हूँ -भंवर में
भवसागर में
पतवार पाने को !
जिंदगी की प्यास
मजबूर किये रहती है
जीने को ...
पीने को ..हलाहल
मृग -मरीचिका सा
भरमाया फिरता हूँ
दिन में तारे नजर आते हैं
बदहवाश अधखुली आँखें
बंद जुबान -निढाल -
सो जाता हूँ -खो जाता हूँ
दादी की परी कथाओं में
गुल-गुलशन-बहार में
खिलती कलियाँ लहराते फूल
दिल मोह लेते हैं
उस 'फूल' में
मेरा मन रम जाता है
छूने  बढ़ता हूँ
और सपना टूट जाता है
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
७-७.२० मध्याह्न
२३.०२.२०१४
करतारपुर , जालंधर , पंजाब





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