Thursday, August 11, 2011

प्यार होता है मन की निर्मल भावना से ,

भ्रमर की माधुरी का सजना को मित्रता दिवस पर शुभ कामनाएं -

सिर्फ गुलाब इश्क का पैगाम नहीं होता ,
चाँद-चांदनी का प्यार सरे आम नहीं होता !!




प्यार होता है मन की निर्मल भावना से , 
वरना यूं ही राधे -कृष्ण का नाम नहीं होता !!

भ्रमर की माधुरी 
८.०८.२०११ PBH




2 comments:

मीनाक्षी said...

किसी भी मानवीय रिश्ते के लिए प्यार की निर्मल भावना ही चमत्कार करती है... बहुत प्यारा सन्देश ...

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

मीनाक्षी जी बहुत सुन्दर विचार आप के मन हमारा निश्छल हो निर्मल हो एक दुसरे के प्रति बलिदान होने की भावना हो तो एक नया जीवन मिल जाता है -
आभार आपका
भ्रमर ५