Saturday, February 19, 2011

" निमंत्रण"

" निमंत्रण"

अरबों   साल   का    है   ये तारा
पृथ्वी  -  गोल  - चपटा  ब्रह्माण्ड ,
सूरज  से    कितने  सूरज हैं
किसने ,  'क्लोन'   बना   डाला,

कहें    'भ्रमर'-  जादूगर    आओ
धरती   पर -  कुछ   क्लोन बनाओ
रोटी -   कपडे   और   मकान   का  
भूखे   नंगे   बेघर   को    दो .

नदी   दूध   की -  स्वर्ग   वही हो
'कल्पतरु'   और  ऋषि  मुनियों  की ,
'शांति'   ख़ुशी   संस्कृति   का-
अपनी -  क्लोन   बना   डालो. 

पेट    भरेगा -   रीढ़   हो  सीधी
'मस्तक'    अपना    ऊँचा   होगा
'चाँद'   सितारे   सोच  तभी
फिर   नयी  'चेतना'
इस   बंजर   में  -   'जड़'   थामेगी.

सुरेंद्रशुक्लाभ्रमर
१९.२.११ जल पी.बी
६.१६ पूर्वाह्न .

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